बीआईएस ने मशीनरी और विद्युत उपकरण सुरक्षा पर ‘मानक मंथन’ का किया आयोजन


देहरादून-भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), देहरादून शाखा कार्यालय ने सोमवार को होटल रीजेंटा, सुभाष नगर, देहरादून में “मशीनरी और विद्युत उपकरण सुरक्षा (सार्वत्रिक तकनीकी विनियमन)” विषय पर ‘मानक मंथन’ कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

कार्यक्रम का उद्घाटन देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में किया। विशेष अतिथि के रूप में उत्तराखंड लघु एवं सूक्ष्म उद्योग संघ के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग तथा उत्तराखंड उद्योग संघ के अध्यक्ष पंकज गुप्ता शामिल हुए। इसके अतिरिक्त, गौरव जोशी, उप सचिव, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया, जबकि समीर कंचन, सेफ्टी सेंस से भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए सौरभ तिवारी, प्रमुख, बीआईएस देहरादून शाखा कार्यालय ने औद्योगिक क्षेत्र में मशीनरी सुरक्षा के महत्व और उपभोक्ताओं एवं उद्योगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में बीआईएस की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बीआईएस की विभिन्न प्रमाणन योजनाएँ उद्योगों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का पालन करने में सहायक सिद्ध हो रही हैं।

मेयर सौरभ थपलियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुणवत्ता और सुरक्षा एक-दूसरे से अविभाज्य रूप से जुड़े हैं। उन्होंने सुरक्षित एवं सतत विकास सुनिश्चित करने हेतु उद्योगों से उच्च गुणवत्ता मानकों को अपनाने का आह्वान किया।

तकनीकी सत्र का संचालन समीर कंचन, मशीन सुरक्षा विशेषज्ञ, ने किया। उन्होंने मशीनरी सुरक्षा विनियमन लाने के उद्देश्य, अंतरराष्ट्रीय मानकों से उसकी प्रासंगिकता और टाइप A, टाइप B तथा टाइप C मानकों की श्रेणियों पर विस्तृत जानकारी साझा की। साथ ही, बीआईएस की स्कीम, ओटीआर विनियमन के अंतर्गत लाइसेंस/सीओसी प्राप्त करने की प्रक्रिया तथा एचएसएन कोड के अनुसार मशीनरी वर्गीकरण के व्यावहारिक उदाहरण भी प्रस्तुत किए। प्रतिभागियों द्वारा मौजूदा मशीनरी पर नियमों के अनुपालन और रिपेयर पार्ट्स से संबंधित प्रश्नों के उत्तर भी उन्होंने दिए।

गौरव जोशी ने अपने वर्चुअल संबोधन में कहा कि इन नियामकों का उद्देश्य उद्योगों को सुगम तरीके से सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विनियम इस प्रकार तैयार किए गए हैं कि सभी हितधारक बिना किसी जटिलता के इन्हें लागू कर सकें।

इस अवसर पर उद्योग प्रतिनिधियों, उद्योग संघों, प्रयोगशालाओं तथा विद्यार्थियों सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी की और विभिन्न विषयों पर उत्साहपूर्वक चर्चा की।

यह कार्यक्रम हितधारकों के लिए उभरते नियामक ढांचे, अनुपालन आवश्यकताओं और सर्वग्राही तकनीकी विनियमन के तहत मशीनरी एवं विद्युत उपकरण सुरक्षा में मानकों की भूमिका को समझने हेतु एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।



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